Little Known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए.
Little Known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए.
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निष्क्रियता: मंत्र का उच्चारण करने के बाद, आपको सक्रियता से दूर रहना चाहिए। इसके बाद शांतिपूर्वक ध्यान में बैठें और अपनी इच्छानुसार कार्य करने के लिए प्रभावित होने की कोशिश करें।
लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती
वशीकरण मंत्र एक प्राचीन विज्ञान है जिसका उपयोग व्यक्ति के दिमाग और मन को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जागृत करता है और व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने में मदद करता है। इस अद्भुत विज्ञान का उपयोग लोग अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में करते हैं, जैसे प्रेम, विवाह, संघर्ष, सफलता और खुशहाली के लिए।
बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न बोले बाव, सूक साख पूंजी हो जाय, बन ऊपर लोकी कड़े हीय लपर लो सूत में, तो बंधन बांधयो सास-ससुर जाया पूत, मन बांधू मंवन्त बांधू विद्या दे साथ, चार खूंट लों फिर आब अमुकी अमुक के साथ रहे गुरु गुरो स्वाहा।
इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
इससे आपका कार्य फलित होगा ही मोहन का प्रभाव भी बना रहेगा.
वशीकरण मंत्र का उपयोग करने से आप किसी को अपनी आज्ञाकारी शक्ति के तहत ला सकते हैं। यह उन विशेष more info तत्वों को जगाने का कार्य करता है जो व्यक्ति को आपकी आज्ञाएं मानने और कार्य करने में प्रेरित कर सकते हैं।
ध्यान और एकाग्रता: शांत मन और ध्यान से वशीकरण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
विधि: किसी भी शनिवार या रविवार के दिन रात में नरसिंह भगवान का पूजन गूगल जलाकर घृत, शक्कर, पान-सुपारी अर्पित कर एक हजार आठ बार मन्त्र जप कर जप का दशांश होम करें। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर रूई में चंदन और अपामार्ग को मिलाकर बत्ती बनाकर काजल तैयार करें। उस काजल को सात बार अभिमन्त्रित कर आँखों में लगाने से सभी लोग साधक पर मोहित होते हैं।
यहां एक छोटा सा जलाशय भी है जिसके कारण यह स्थान हमेशा नम रहता है। इस जल स्तोत्र का जल भी विशेष गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से कई बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। यहां हर साल अंबुबाची नामक मेला लगता है। इस समय देवी कामाख्या की उपस्थिति के कारण ब्रह्मपुत्र का जल रक्तिम हो जाता है।
ॐ नमो पद्मिनी अंजन मेरा नाम इस नगरी में जाय मोहूं। सर्वग्राम मोहूं राज करंता रामो हूं। फर्श में बैठाय मोहूं पनिघट पनिहारिनी मोहूं। इस नगरी के छत्तीस पवनिया मोहूं। जो कोई मार मार करतं आवे उसे नरसिंह वीरणामपद अंगूठा तर धरे और घेर लावे। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
कामाख्ये कामसंपन्ने, कामेश्वरी हर-प्रिया
हाथ पसारूं मुख मलूं, काची मछली खाऊं। आठ पहर चौसठ घड़ी, जग मोह घर जाऊं।।